हर बार जब जाते थे समंदर किनारे
थोड़ी रेत साथ लाते थे
यादों की, मुलाक़ातों की
कुछ धूल संग ले आते थे
इस बार जब गए थे समंदर किनारे,
थोड़ी रेत उसकी उसको,
लौटा आये हैं;
कितनी हसीन थी पिछली ज़िन्दगी ,
वो सारी, समंदर में छोड़ आये हैं!
किसी ने नहीं देखा हमें ...
हम वहाँ से इस बार क्या लूट लाये हैं !
बस वो समंदर गवाह है,
हम इस बार उसका जादू साथ लाये हैं ...
जिसकी अमानत थी,
उसको वापस दे आये हैं ;
इस बार,
थोड़ी रेत लौटा आये हैं..!!
थोड़ी रेत साथ लाते थे
यादों की, मुलाक़ातों की
कुछ धूल संग ले आते थे
इस बार जब गए थे समंदर किनारे,
थोड़ी रेत उसकी उसको,
लौटा आये हैं;
कितनी हसीन थी पिछली ज़िन्दगी ,
वो सारी, समंदर में छोड़ आये हैं!
किसी ने नहीं देखा हमें ...
हम वहाँ से इस बार क्या लूट लाये हैं !
बस वो समंदर गवाह है,
हम इस बार उसका जादू साथ लाये हैं ...
जिसकी अमानत थी,
उसको वापस दे आये हैं ;
इस बार,
थोड़ी रेत लौटा आये हैं..!!
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