Ruhaniyatein |
अधूरी इबादतें दोहरा देती हैं ;
मेरे हज की गलियों के नक्श,
नाखून से खुरच के ,
देखो कैसे बेरहमी से उघाड़ देती है ;
एक एक सिलवट हर आहट की,
इन पन्नो में दर्ज हैं ,
कुछ बेबाक इबारतें ,
देखो कैसे नए ही नक्श बना देती हैं ;
अधूरी इबादतें अधूरी रह जाती हैं
इबारतें बस,
नई लिख दी जाती हैं!!
इबारतें : Writing
इबादतें: Prayers
नक्श:Map
बेबाक:Frank
Very nice Aakriti.....
ReplyDeleteBahot Umda
ReplyDeletewow !!!
ReplyDeletewow !!! awesome !!!
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