Sunday, October 1, 2017

नीला

तुम्हे नीला रंग बहुत पसंद था न
कपड़ों से लेकर दीवारों तक
कुछ भी नीला ही चुनते थे तुम मुस्कुराने के लिए
माँ ने जब नीला कुर्ता दिलाया था
मैंने तुम्हे ऐसे बताया था
जैसे दुनिया की सबसे बड़ी चीज़ हो
यूँ ही एक एक करके
सब कुछ नीला कर दिया था तुम्हारे लिए
आज तुम नहीं हो
और तुम्हारे आने का इंतज़ार भी नहीं
मगर एक चीज़ छूट गयी तुम्हारी
नीला रंग...
आजकल सब कुछ नीला ही भाता है
कपड़ों से लेकर दीवारों तक
माँ कहती है तुझे तो गुलाबी पसंद था अब क्या हुआ
मैं क्या बताऊँ माँ को
के तुम चले गए
मगर तुम्हारा रँग मुझपर रह गया