"मेरे हिस्से वाला दिल का टुकड़ा संभाल के रखना"
"तेरा टुकड़ा थोड़ा नाज़ुक था न अभी
सो सबसे ऊपर रखा है
डर मत
कुछ नहीं होगा "
"नाज़ुक चीज़ें टूटने का सबसे ज़्यादा डर होता है
इसलिए बोला"
"तभी तो सम्भाल के रखा है,
जैसे कोई नयी जान हो"
"यूँ दिल के टुकड़े किये तो किये,
एक उठा कर चल भी दिए"
"तुम्हारी आँखों से ओझल हुए कभी?
इश्क़ की सहेलियां ये शिकायतें,
उफ़्फ़ ...बिलकुल पागल हैं"
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