Friday, April 29, 2016

क्या समझूँ ?

कुछ बाकी है हमारे बीच या सब ख़त्म समझूँ
अतना अर्सा गुज़र गया हमें "हम" हुए ,
इसका क्या मतलब समझूँ
सालों के जस्बात,
चंद महीनों में दफन हो गए,
इसे किसकी बेगैरत समझूँ;
एक बार मुझे पलट के देख तो सही,
तुम्हारी जाती हुई पीठ देख कर ही,
क्या समझूँ ?   

Wednesday, April 27, 2016

Dialogue!


"मेरे हिस्से वाला दिल का टुकड़ा संभाल के रखना"

"तेरा टुकड़ा थोड़ा नाज़ुक था न अभी
 सो सबसे ऊपर रखा है
 डर मत
 कुछ  नहीं होगा "

"नाज़ुक चीज़ें टूटने का सबसे ज़्यादा डर होता है
 इसलिए बोला"

"तभी तो सम्भाल के रखा है,
 जैसे कोई नयी जान हो"

"यूँ दिल के टुकड़े किये तो किये,
  एक उठा कर चल भी दिए"

"तुम्हारी आँखों से ओझल हुए कभी?
 इश्क़ की सहेलियां ये शिकायतें,
 उफ़्फ़ ...बिलकुल पागल हैं"  
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                                       " कभी कभार दिल के कई टुकड़े करने पड़ते हैं                                                                             ताकि हर इश्क़ को थोड़ी थोड़ी जगह दी जा सके"