Tuesday, July 31, 2012

डायरी


There are times when every writer suffers through a Creative Blockage, the time when your mind becomes blank, no incoming outgoing of ideas, thoughts , feelings. same happened with me! Then My Diary, my best friend came to my rescue! This piece of poetry highlights how painful at times it gets for a write not able to write something for days!! 


The Diary
कुछ भूल रही हूँ शायद, या फिर कुछ और सोच रही हूँ

पढ़ रही हूँ कुछ, और तस्वीर कोई और देख रही हूँ

मन भटका है, आजकल यूँ ही कोरी घूम रही हूँ

आदतें छूट रही हैं, पर मैं क्यों उन्हें छूटने दे रही हूँ 

हाँ याद आया

एक डायरी रक्खा करती थी पास हमेशा

जो अच्छा लगता था, झट से उसमे लिख लेती थी

आज जब ढूंदा  उसको , तो याद आया वो तो घर पे रह गयी 

हाँ याद आया

अबतक यही भूल रही थी 
यही आदत थी, जो छूट रही थी 

Saturday, July 21, 2012

उलझन

"कभी हैसियत नहीं होती तो कभी ख्वाहिश नहीं होती 
गर कभी आरजू हो, तो उस बदनसीब की किस्मत नहीं होती" 

Tuesday, July 3, 2012

इबारतें (1)

Ruhaniyatein
कुछ फीकी इबारतें ,
अधूरी इबादतें दोहरा देती हैं ;
मेरे हज की गलियों के नक्श,
नाखून से खुरच के ,
देखो कैसे  बेरहमी  से उघाड़  देती है ;
एक एक सिलवट हर आहट की,
इन पन्नो में दर्ज हैं ,
कुछ बेबाक इबारतें ,
देखो कैसे नए ही नक्श बना देती हैं ;
अधूरी इबादतें अधूरी रह जाती हैं 
इबारतें बस,
नई लिख दी जाती हैं!!  

इबारतें : Writing
इबादतें: Prayers
नक्श:Map
बेबाक:Frank