Thursday, April 20, 2017

ज़माने हुए

Florida Lake Eola




ज़माने हुए तुझसे रूबरू हुए
तेरी रूह को मिले अरसे हुए
यूँ तो मिला करते हैं हर रोज़
मगर 'तुझ' से मुखातिब हुए कई लम्हे हुए

मुख्तसर सी ज़िन्दगी है
बेहद मुख्तसर अपनी कढ़ी
कश्मकश में क्यों हैं बीतती
अपने फ़साने कहे अरसे हुए

सात समुंदरों की ये दूरी
आसान लगती है सात कदमों से
'तुझ' से मिले इतने अरसे हुए
कब हम, 'हम' से, में और तुम हुए



FlORIDA DIARY, USA, 12:30AM, LONE HOTEL MIDNIGHT