Kaveesha

The troughs and crests of daily and rare penned down with bougainvillea of dreams,thoughts, fantasies, compassion and frowns. Relationships, humankind and nature behaviors encrusted at one place to establish ultimately what we all desire- a connect!

Thursday, August 15, 2019

वक़्त

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मैं समय हूँ मैं कल था, मैं आज हूँ मैं कल तेरा था, आज उसका हूँ मगर कल फिर से तेरा होऊँगा मैं वक़्त हूँ मुझे ठहरना नहीं आता , मुझे ब...
Monday, August 12, 2019

लम्बी रात

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जब रात अँधेरी छायी थी, जब कोसों तक तन्हाई थी जब शोर में दबी रुलाई थी , अश्कों ने महफ़िल सजाई थी मैं चलते चलते रूकती थी और सोते सोते जगती थ...

हालात और हालत

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सुर्ख नज़रें बता रही हैं , तेरी ये सहर भी शमा सी रही धुआं उठते देखा बस हमने , हरियल एक पल में बंजर हुई हसरतों से जोड़ी एक एक पाई , छन से बि...

ख्वाहिशों का कसूर

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ख्वाहिशों की ख़्वाहिश होना भी अब बेमतलब सा लगता है तेरा भी कसूर है, ये कहना भी अब कसूर सा लगता है

अधूरे ख़त

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बहुत सारे अधूरे ख़त लिखे रखे हैं मेरी दराज़ में कुछ पूरे भी हैं, आखिर में लिखा है मेरा नाम मगर युहीं पड़े हैं, तितर-बितर, मेरी दराज़ में ...
Thursday, August 1, 2019

Overcoat

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एक ओवरकोट है  जिसे रोज़ पहन के बाहर निकलती हूँ मुस्कुराहट के रेशे हैं, अभिनय के तार  बटन हैं बेफिक्री के और रंग सुर्ख लाल  अपनी...

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कई रातें जागती बितायी हैं.. उन बेफ़िक्र सोती रातों की याद में! तेरे हाथ का तकिया और गर्माहट की चादर; ढूंढे नही मिलता किसी और कि पनाह...
Tuesday, March 12, 2019

If you are Dating an Artist

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Oh you going to get yourself into a lot.. Trust me a whole lot!! If you are dating an artist, be prepared to witness the invisible ...
Tuesday, December 18, 2018

Untitled नज़्म -ऐ -ज़िन्दगी

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कुछ नज़्मों के न title नहीं हुआ करते, क्युकी जब वो पैदा हुई तब खुद ब खुद खुद को कहती चली गयी.. समझ में भी नहीं आ पाया और नज़्म बन के खड़...

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दूर इतना भी न होना के पास होने की आदत ख़त्म हो जाये न इश्क़ आये न इश्क़ का खयाल.. ये ज़ख्म भी वक़्त के साथ कहीं भर न जाये ..!
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