Kaveesha

The troughs and crests of daily and rare penned down with bougainvillea of dreams,thoughts, fantasies, compassion and frowns. Relationships, humankind and nature behaviors encrusted at one place to establish ultimately what we all desire- a connect!

Tuesday, March 12, 2019

If you are Dating an Artist

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Oh you going to get yourself into a lot.. Trust me a whole lot!! If you are dating an artist, be prepared to witness the invisible ...
Tuesday, December 18, 2018

Untitled नज़्म -ऐ -ज़िन्दगी

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कुछ नज़्मों के न title नहीं हुआ करते, क्युकी जब वो पैदा हुई तब खुद ब खुद खुद को कहती चली गयी.. समझ में भी नहीं आ पाया और नज़्म बन के खड़...

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दूर इतना भी न होना के पास होने की आदत ख़त्म हो जाये न इश्क़ आये न इश्क़ का खयाल.. ये ज़ख्म भी वक़्त के साथ कहीं भर न जाये ..!

मुझे याद है

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मेरी ग़र्म हथेलियों में  जब तेरी ठंडी लकीरें समाती थीं  मुझे याद है,  कुछ देर हो जाये तो पसीज सी जाती थीं  दूसरे हाथ से झट से थाम लेते थ...
Thursday, May 24, 2018

मुँह का स्वाद

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मुँह का स्वाद, कुछ बिगड़ा हुआ सा है जैसे किसी ने तार चटा दिया हो दिल की कड़वाहट, तालु से भी लगती है क्या भला.. जीवन की इस घडी को, जैसे कि...
Wednesday, May 16, 2018

Phases

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People are just phases In the longer phase called life In the shorter span called phase Each arrives and so do they pass Giving...
Thursday, May 10, 2018

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इन्ही बादलों में घुमड़ जाऊँ, या इसी समंदर से लिपट जाऊँ; संसार की साजिशें अब समझ नहीं आती जी में आता है, यहाँ से वापस न जाऊँ! रंग बदलत...
Thursday, April 26, 2018

तेरे इश्क़ के मकां

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तेरे इश्क़ के मकां बनते हैं उधड़ते हैं तू रूबरू नहीं मगर तेरे ख्याल, रोज़ मेरे संग चलते हैं! हमारे गुज़रे ज़माने ही अब.. मयस्सर रहा करते है...
Tuesday, February 13, 2018

तुम

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बदलते अक्स का जाना पहचाना ख्वाब हो तुम न साथी न सहारे, बस अधूरी चाह हो तुम हम तो रह गए भरम में कि तुझको भी मेरी आस है के ये दुनिया जो क...
Thursday, February 8, 2018

इक बार

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मेरे तसव्वुफ़ में बस इक तेरा ही सबब रहता है के तसव्वुर हो तेरा, इसी खयालात का हर लम्स रहता है न पाने की ख्वाहिश, न जीतने की आरज़ू ...
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