The troughs and crests of daily and rare penned down with bougainvillea of dreams,thoughts, fantasies, compassion and frowns. Relationships, humankind and nature behaviors encrusted at one place to establish ultimately what we all desire- a connect!
Tuesday, March 15, 2016
Monday, March 14, 2016
गाहे बगाहे
गाहे बगाहे
लोग मिला करते हैं आते जाते,
पूछ लिया करते हैं मेरा हाल बिना तसव्वुर किये
मैं भी सर हिला देती हूँ एक मुस्कान ओढ़ के ;
मगर जी नहीं करता हमेशा ये चादर पहनने का..
कभी कभार सब कुछ सच कहने को मन करता है!
चाहता है बोल दूँ ये वो नहीं जो दिखता है,
ये ऐसा बिलकुल नहीं...;
मगर हाल पूछने वाले ने भी इतना ख्याल किया होगा क्या,
यूँ ही हलके फुल्के मुझसे पूछने से पहले...
नहीं!
इसीलिए नहीं बताती,
बस लिख लेती हूँ
लिख के खुद के ही पास, रख लेती हूँ
Monday, March 7, 2016
ये वो नहीं
तेरे ज़िक्र में मेरा
ख़्याल नहीं
मेरे ख़्याल में तेरा ज़िक्र नहीं
किस मोड़ पे आ गए हाथों में हाथ लिए
एक दूसरे की फ़िक्र नहीं!
वक़्त नहीं,जस्बात नहीं
तू तू नहीं, मैं मैं नहीं;
ये वो दुनिया नहीं,
ये पहले जैसी ज़िन्दगी नहीं!!
मेरे ख़्याल में तेरा ज़िक्र नहीं
किस मोड़ पे आ गए हाथों में हाथ लिए
एक दूसरे की फ़िक्र नहीं!
वक़्त नहीं,जस्बात नहीं
तू तू नहीं, मैं मैं नहीं;
ये वो दुनिया नहीं,
ये पहले जैसी ज़िन्दगी नहीं!!